!! वीणा के तार !!
!! वीणा के तार !!
मन के वीणा के तार
झनकायेगा कौन
हम जो रूठे कभी तो
मनायेगा कौन
तुम से ही दुनियां
इतनी हसीं है मेरी
तुम ही चले गये तो
मुस्कुरायेगा कौन
•• कलमकार ••
चुन्नू लाल गुप्ता-मऊ (उ.प्र.)