#विस्मृत_स्मृति_दिवस
#विस्मृत_स्मृति_दिवस
■ एक अविस्मरणीय सा व्यक्तित्व : जनरल विपिन रावत
★ एक दिन : राजनीति के रक्त-चरित्र का मूक साक्षी
[प्रणय प्रभात]
देश के प्रथम रक्षा प्रमुख जनरल विपिन रावत जी और उनकी सहधर्मिणी श्रीमती मधुलिका रावत जी सहित भारतीय सेना के 11 साहसी अधिकारियों का असामयिक निधन तीन वर्ष पूर्व आज ही के दिन हुआ था। समूचे राष्ट्र की यह बड़ी अपूरणीय क्षति मात्र 3 साल की छोटी सी अवधि में भुला दी गई। इस दुर्भाग्यपूर्ण विस्मरण ने देश की संवेदनाहीन व अवसरवादी राजनीति के रक्त-चरित्र को एक बार फिर से उजागर किया।
तीन साल पूर्व घटित हादसे को आज एक बार फिर से न केवल कुटिल राजनीति बल्कि धूर्त मीडिया तक ने भुला सा दिया। उस राजनीति व मीडिया ने, जो चुनावी साल में सदियों पुराने ज्ञात-अज्ञात महापुरुष खोजने और उनसे जुड़ी जनभावना जातिवाद, भाषावाद व क्षेत्रवाद के अनुसार भुनाने में पारंगत हैं। जी हां, वही धूर्त सियासत, जो एक समुदाय को बंधुआ मतदाता बनाने के लिए इंसान को भगवान तक बनाने से नहीं चूकती। यह आज का एक शर्मनाक व आंखें खोलने वाला सच है।
हमारी और आपकी ओर से संयुक्त सेना के पहले महानायक व अधीनस्थ अफसरों के प्रति भावपूरित श्रद्धांजलियां। ईश्वर उनकी दिव्य आत्माओं को शांति व सद्गति प्रदान करे। ऊँ शांति।
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●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)
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