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25 Jan 2023 · 1 min read

विष्णुपद छंद

🦚
( विष्णुपद छंद )
०००००००००००
सोच समझ कर कर्म करे तो,पाता लक्ष्य वही‌ ।
मरने से कतराना कैसा, अंतिम‌ सत्य यही ।।
परवाने तो कभी न डरते, जाकर स्वयं‌ जलें ।
आओ अपने हाथों में ले, अपना सूर्य चलें ।।

राधे…राधे….!
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
***
🔥🔥🔥
(छंद मंजूषा से)

1 Like · 228 Views
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