विषय: शब्द विद्या:- स्वछंद कविता
शब्द अर्थ है शब्द विभक्ति,
अभिधा,लक्षणा और व्यंजना,
कहलातीं शब्दों की शक्ति।
साक्षात सांकेतिक अर्थ का,
बोधक ‘वाचक’ शब्द ।
शब्द चमत्कृत संसार है।
शब्द सौंदर्य- श्रृंगार है।
शब्द प्रणय की बहार है।
शब्द हृदय की झंकार है ।
शब्द जीवन श्रृंगार है।
शब्द ताकत अपार है।
जुबां के उपवन में,
शब्द लाता बहार है।
शब्द प्रेरणा प्यार है,
शब्द सुंदर सपना है ।
शब्द स्वयं उपकार है।
शब्द असीम दौलत है।
शब्द प्यार का भंडार है।
शब्द इश्क का इजहार है।
शब्द प्रीति राधा रानी,
शब्द पायल की झंकार है।
शब्द बिन सूने संबंध सभी,
शब्द रुहानी प्यार है।
शब्द से पाषाण पिघले,
शब्द कृष्ण मनुहार है।
शब्द ब्रह्म का करिश्मा है।
शब्द जीवन की ऊष्मा है।
शब्द भुवनव्यापी सुषमा है।
शब्द प्यार का प्रकाश है।
शब्द गरीब का उल्लास है।
शब्द हृदय का कैलाश है।
शब्द सुंदर पुष्प पलाश है।
नीलम शर्मा