विषय-मेरा गाँव।
विषय-मेरा गाँव।
शीर्षक-पल-पल याद आता है।
रचनाकार-प्रिया प्रिंसेस पवाँर
याद आता है,
स्कूल गांव का।
वो आराम,
ठंडी छांव का।
वो गांव की चाची,दादी,
और ताई।
वो सच्चे रिश्तों की कमाई।
वो कुआं,वो रास्ता,वो पनघट।
वो चलते-चलते जब हो जाती थी खटपट।
वो दादी का सिखाना रोटी पकाना।
फिर बाद में लाड़ जताना।
मेरा गांव याद आता है।
गांव का हर रिश्ता,
याद आता है।
मेरा गांव था मेरा कितना अपना…
ये पल-पल दिल बहलाता है।
अपना गांव,
भूला नहीं जाता।
न यादों से भूला वो, सावन का झूला नहीं जाता।
याद आता है मुझे,
मेरा गांव याद आता है।
प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक
द्वारका मोड़,नई दिल्ली-78