Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2023 · 1 min read

विषय-तिरंगे में लिपटा शहीद।

विषय-तिरंगे में लिपटा शहीद।
शीर्षक-आ गया मेरा भाई।
विद्या-कविता।

तिरंगे में लिपटा जब शहीद आता है।
दिल में गर्व भी,दर्द भी,
और आँखों में अश्क दे जाता है।
बिलखती माँ,रोती पत्नी, बहन का कलेजा चीर-चीर जाता है।

त्यागता अपना जीवन,
अपने प्यारे देश के लिए।
सबकी सुख की नींद के लिए,
जागता अपने देश के लिए।

तिरंगे के तीन रंगों के लिए,अपने लहू का रंग बहाता है।
शहीद होते-होते भी बस,
देश को ही चाहता है।

तिरंगे में लिपटा शहीद,
देश पर जान कुर्बान करता है।
अपनी जान से ज्यादा,
देश का सम्मान करता है।

धरती माँ के लिए शहीद,
कर जाता सुनी गोद अपनी माँ की।
भूल जाता अपना परिवार भी,करता रक्षा अपनी धरती माँ की।

रोती राखी,होता सुना रक्षा बंधन।
भाई की याद में सिसकती बहना,
तड़प-तड़प जाता बहन का मन।

सरहद पर गया था भाई,
आया,”तिरंगे में लिपटा शहीद।”
बिन प्यारे भाई के न भैया दूज और न ईद।

कहे बहना,”मेरे भाई ने गर्व बढ़ाया है।”
आ गया मेरा भाई;
“तिरंगे में लिपटा शहीद आया है।”

प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक
द्वारका मोड़,नई दिल्ली-78

2 Likes · 138 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" जब "
Dr. Kishan tandon kranti
**गैरों के दिल में भी थोड़ा प्यार देना**
**गैरों के दिल में भी थोड़ा प्यार देना**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
होली की आयी बहार।
होली की आयी बहार।
Anil Mishra Prahari
कीमत क्या है पैमाना बता रहा है,
कीमत क्या है पैमाना बता रहा है,
Vindhya Prakash Mishra
*सत्ता कब किसकी रही, सदा खेलती खेल (कुंडलिया)*
*सत्ता कब किसकी रही, सदा खेलती खेल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
2633.पूर्णिका
2633.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
भाषा और बोली में वहीं अंतर है जितना कि समन्दर और तालाब में ह
भाषा और बोली में वहीं अंतर है जितना कि समन्दर और तालाब में ह
Rj Anand Prajapati
समंदर इंतजार में है,
समंदर इंतजार में है,
Manisha Wandhare
कठिन समय रहता नहीं
कठिन समय रहता नहीं
Atul "Krishn"
राधा की भक्ति
राधा की भक्ति
Dr. Upasana Pandey
जो जुल्फों के साये में पलते हैं उन्हें राहत नहीं मिलती।
जो जुल्फों के साये में पलते हैं उन्हें राहत नहीं मिलती।
Phool gufran
#दोहा
#दोहा
*प्रणय प्रभात*
खोकर सारा आसमान
खोकर सारा आसमान
Ankita Patel
हे माँ अम्बे रानी शेरावाली
हे माँ अम्बे रानी शेरावाली
Basant Bhagawan Roy
पतझड़ और हम जीवन होता हैं।
पतझड़ और हम जीवन होता हैं।
Neeraj Agarwal
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
आहों का अब असर देखेंगे।
आहों का अब असर देखेंगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*जीवन के गान*
*जीवन के गान*
Mukta Rashmi
जिंदगी की राहे बड़ा मुश्किल है
जिंदगी की राहे बड़ा मुश्किल है
Ranjeet kumar patre
प्रेम तुझे जा मुक्त किया
प्रेम तुझे जा मुक्त किया
Neelam Sharma
अयोध्या धाम
अयोध्या धाम
Mukesh Kumar Sonkar
इस मुस्कुराते चेहरे की सुर्ख रंगत पर न जा,
इस मुस्कुराते चेहरे की सुर्ख रंगत पर न जा,
डी. के. निवातिया
सृष्टि का अंतिम सत्य प्रेम है
सृष्टि का अंतिम सत्य प्रेम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है दोस्तों यहां पर,
शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है दोस्तों यहां पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बाक़ी है..!
बाक़ी है..!
Srishty Bansal
सीप से मोती चाहिए तो
सीप से मोती चाहिए तो
Harminder Kaur
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
gurudeenverma198
हमें अब राम के पदचिन्ह पर चलकर दिखाना है
हमें अब राम के पदचिन्ह पर चलकर दिखाना है
Dr Archana Gupta
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
पूर्वार्थ
कह पाना मुश्किल बहुत, बातें कही हमें।
कह पाना मुश्किल बहुत, बातें कही हमें।
surenderpal vaidya
Loading...