विषय अंजनि सुत
विषय -अंजनि सुत
विधा -तांका
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अंजनि सुत
रक्षा करें जग की
पीड़ा हरते
हे कष्ट निवारक
दुखियों गले लगा।
तेरी महिमा
बहुत निराली है
शीश झुकाते
तेरे ही गुण गाते
भक्त हनुमान के।
वीर हनुमान
नाश करें शत्रु का
भक्तों पे कृपा
करें नहीं निराश
शरण में जो जाए ।
सारे जग मे
कोई नहीं दयाल
हनुमंत सा
पूजे जगत सारा
भव सागर पार।।
सुषमा सिंह*उर्मि,,