Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2021 · 3 min read

विषय:रोजगार

विषय:रोजगार

“हर युवा की आज यही पुकार
हमको मिले एक रोजगार”
आइए आज देश की ज्वलंत समस्या पर अपने विचार रखने की कोशिश करती हूं आप सब का सहयोग अपेक्षित हैं यदि कोई त्रुटि रहे तो अग्रिम क्षमा प्रार्थिनी हूँ
रोजगार मनुष्य के जीवन का अहम् पहलु है और मुलभुत आवश्यकता है बिना रोजगार के जीवन व्यतीत करना काफी मुश्किल या कहे कि नामुमकिन है रोजगार एक साधन है जिससे हम जीविका चला सके हर व्यक्ति को अपने जीवन में रोजगार का कोई न कोई माध्यम चुनना ही पड़ता है ताकि वह अपनी मूलभुत आवश्यकताएं पूरी कर सके चाहे वह स्वयं का रोजगार हो या फिर नोकरी।
जब पेट भरने के लाले पड़ जाते हैं बच्चे भूखे रहने लग जाते हैं कहते हैं कभी.. कभी चुप रह लेते हैं। अपनी निगाहों से बस देखा करते हैं इतना कष्ट इतनी व्यथा जब देखती हूँ आसपास यो सच मर मन बहुत दुखी व विचलित सा हो जाता है कौन चाहता है अपने घर से जुदा होना रोजगार के खातिर जुदा होना पड़ता हैं प्रवासी बन कर रहना पड़ता हैं मेहनत करते हैं खुश हो सभी बस यही चाहते हैं नहीं देख पाती उन्हें बिलखते हुए उनके खातिर सब कुछ छोड़ आते है अपना घर गांव ।क्या होती है अपनों से दूर होना कोई उनसे पूछो अपनों से मिलने के लिए तड़पता हैं त्यौहार का इन्तजार रहता है हरदम तब जा पाउँगा अपनों से मिलने नहीं रहना चाहता ऐसे पर मज़बूरी है बच्चे के गम देख खुद को भूल जाती हूँ….! रोजगार की तलाश में प्रवासी हो जातीहूँ….!!कौन समझेगा मेरी इस व्यथा को शायद कोई नही समझेगा मेरे मन की पीड़ा के गहरे घाव।
आना होगा दूसरे शहर पेट की ज्वाला को शांत करने।
रोजगार करना मनुष्य के जिन्दगी का अहम पहलू है। रोजगार के बिना गुजारा करना नामुमकिन है। सभी लोगो को जीवन में तीन प्रमुख साधनो की आवश्यकता होती है, जो की है भोजन, कपड़ा और सर ढकने के लिए छत यानी घर।ये जीवन को ढोने के लिए आवश्यक हैं ।आज आवश्यकता की पूर्ति भी जान लेवा सी साबित हो रही हैं।
लोग रोजगार के आय से अपनी आजीविका चलाते है। हर इंसान को कोई ना कोई रोजगार करना पड़ता है। मनुष्य को रोजगार सिर्फ रूपए पैसे ही नहीं देता है, बल्कि लोगो को प्रगति करने के कई मौके देता है। रोजगार के अवसर, धन के साथ मान -सम्मान भी देता है।
रोजगार हमे ज्ञान भी देता है और हम अपने क्षेत्र में और कामयाब कैसे हो सकते है यह भी सिखाता है। कुछ लोग देश में लघु उद्योगों में काम करते है, बहुत से लोग कृषि करके अपना गुजारा करते है।
कई लोग व्यापार करते है और कई लोग बड़े बड़े कंपनियों में नौकरी करते है। कई लोग तेज़ धूप में काम करके, मज़दूरी करते है। वहीं कई लोग बड़े -बड़े फैक्टरियों में काम करते है।परिश्रम करने के पश्चात कुछ लोगो को दैनिक वेतन दिया जाता है। जो लोग नौकरी करते है, उन्हें मासिक वेतन मिलता है। इस वेतन की मदद से लोग अपने घर चलाते है।
देश में सरकार बेरोजगारी को कम करने के लिए पूरी कोशिशें कर रही है। देश की बढ़ती जनसंख्या अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रही है। अर्थव्यवस्था अगर व्यवस्थित हो, तो रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।सबको शिक्षित होना है और अपने तरफ से अच्छे प्रयास करने होंगे। सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि देश का हर एक इंसान शिक्षित हो। जब सब शिक्षित होंगे तब रोजगार करेंगे और देश भी सही माईनो में आगे बढ़ेगा।

डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 283 Views
Books from Dr Manju Saini
View all

You may also like these posts

*मुंडी लिपि : बहीखातों की प्राचीन लिपि*
*मुंडी लिपि : बहीखातों की प्राचीन लिपि*
Ravi Prakash
बेटी
बेटी
Neeraj Agarwal
ज़िंदगी की कँटीली राहों पर
ज़िंदगी की कँटीली राहों पर
Shweta Soni
মা মনসার গান
মা মনসার গান
Arghyadeep Chakraborty
सुरूर छाया था मय का।
सुरूर छाया था मय का।
Kumar Kalhans
ओस
ओस
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
ऐसा लगता है
ऐसा लगता है
Shekhar Chandra Mitra
पहाड़ पर कविता
पहाड़ पर कविता
Brijpal Singh
वादा
वादा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आबाद मुझको तुम आज देखकर
आबाद मुझको तुम आज देखकर
gurudeenverma198
नये साल में
नये साल में
Mahetaru madhukar
भीड़ और लोगों के अप्रूवल्स इतने भी मायने नहीं रखते जितना हम म
भीड़ और लोगों के अप्रूवल्स इतने भी मायने नहीं रखते जितना हम म
Shivam Sharma
Destiny’s Epic Style.
Destiny’s Epic Style.
Manisha Manjari
'डोरिस लेसिगं' (घर से नोबेल तक)
'डोरिस लेसिगं' (घर से नोबेल तक)
Indu Singh
तेरे बिन घर जैसे एक मकां बन जाता है
तेरे बिन घर जैसे एक मकां बन जाता है
Bhupendra Rawat
नफरतों से अब रिफाक़त पे असर पड़ता है। दिल में शक हो तो मुहब्बत पे असर पड़ता है। ❤️ खुशू खुज़ू से अमल कोई भी करो साहिब। नेकियों से तो इ़बादत पे असर पड़ता है।
नफरतों से अब रिफाक़त पे असर पड़ता है। दिल में शक हो तो मुहब्बत पे असर पड़ता है। ❤️ खुशू खुज़ू से अमल कोई भी करो साहिब। नेकियों से तो इ़बादत पे असर पड़ता है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
यक्षिणी- 22
यक्षिणी- 22
Dr MusafiR BaithA
चाय सी महक आती है तेरी खट्टी मीठी बातों से,
चाय सी महक आती है तेरी खट्टी मीठी बातों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
Shashi kala vyas
3430⚘ *पूर्णिका* ⚘
3430⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
ਗੁਆਚੇ ਹੋਏ ਦੋਸਤ
ਗੁਆਚੇ ਹੋਏ ਦੋਸਤ
Surinder blackpen
थोथी ही हुंकार
थोथी ही हुंकार
RAMESH SHARMA
अधर घटों पर जब करें,
अधर घटों पर जब करें,
sushil sarna
चुनाव
चुनाव
Shashi Mahajan
“बोझिल मन ”
“बोझिल मन ”
DrLakshman Jha Parimal
“सन्धि विच्छेद”
“सन्धि विच्छेद”
Neeraj kumar Soni
"ए एड़ी न होती"
Dr. Kishan tandon kranti
शबाब देखिये महफ़िल में भी अफताब लगते ।
शबाब देखिये महफ़िल में भी अफताब लगते ।
Phool gufran
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...