विषय:बेरोजगारी के परिणाम
विषय:बेरोजगारी के परिणाम
बेरोजगारी की समस्या आज मुहँ बाए हमारे सामने खड़ी है और कुछ सकारात्मकता भी दूर दूर तक दिखाई नही दे रही हैं।तो आइए आप के विचार व्यक्त करती हूँ और एस्प सब के आलेख,कविता से कुछ सीखना भी चाहती हूँ।इस समूह में आप सब सुधि जन जुड़े हैं तो ज्ञान वर्धन भी होता हैं हर दिन कुछ सीखने को मिलता हैं सही कहा भी गया हैं कि सीखने की कोई आयु सीमा नही होती हैं।तो आइए अपनी अल्पबुद्धि से जो समझ आया है प्रस्तुत कर रही हूँ।
बेरोजगारी किसी भी देश के विकास में प्रमुख समस्याओं में से एक है। आज भारत में बेरोजगारी एक गंभीर मुद्दा है। शिक्षा का अभाव, रोजगार के अवसरों की कमी और प्रदर्शन संबंधी समस्याएं कुछ ऐसे कारक हैं जो बेरोज़गारी का कारण बनती हैं। इस समस्या को खत्म करने के लिए भारत सरकार को प्रभावी कदम उठाने की ज़रूरत है। विकासशील देशों के सामने आने वाली मुख्य समस्याओं में से एक बेरोजगारी है। यह केवल देश के आर्थिक विकास में खड़ी प्रमुख बाधाओं में से ही एक नहीं बल्कि व्यक्तिगत और पूरे समाज पर भी एक साथ कई तरह के नकारात्मक प्रभाव डालती है तो मेरी समझ से बेरोजगारी का परिणाम है भुखमरी क्योंकि जितना दर आपका बेरोजगारी का बढ़ता जायेगा उतनी भुखमरी आपकी बढ़ती जाएगी और जितनी भुखमरी की दर बढ़ती जाएगी उतना लोगों का जो होता है अपना जो ध्यान होता हैं उसके बाद लोगों का पढ़ाई के क्षेत्र से रुचि हटा लेना क्योंकि आज तक जो आज कल ज्यादातर जो रोजगार है वह पढ़ाई के साथ ही मिलने वाला है ।कैसे-कैसे करके उन्होंने पढ़ा अब उनको वह उस लायक बने पर उनको जॉब नहीं मिल रहा है तो उनका क्या होगा उसमें से कई लोग अचानक अपने रास्ते से भटक जाते हैं जिसका परिणाम बुरा होता है और मजबूरी भी उनके सामने रहती है क्योंकि जिंदगी कैसे भी जीना है तो कई लो तो गलत रास्ता तैयार कर लेते हैं तो बेरोजगारी के बहुत ही बड़े दुष्परिणाम हैं
‘ बेरोजगार हूँ मैं बेरोजगार हूँ
यही नारा अब युवा लगाने को मजबूर
कुछ तो करो मेरी परेशानी दूर
मैं ना हो जाऊं मरने को मजबूर’।
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद