विश्व स्तनपान दिवस
मातृ दुग्ध अमृत है, हर शिशु जीव हेतु,
जगरूक माता अब, आप बन जाइये।
पेट में ही ज्ञान पाता, शिशु दुग्ध कैसे पीना?
जनम समय इसे, जरूर पिलाइये।
छह माह अकेले ही, पूरा करे कमी सब,
बाहरी खिलावे पर, आप नहीं जाइये।
दाता सबको देता है, जीने हेतु अन्न जल,
प्रभु उपहार दुग्ध, प्रेम से पिलाइये।
मातृ दुग्ध सर्व गुण, युक्त होता सुनें आप,
रोग प्रतिरोधकता, शिशु में बढ़ाइये।
आधुनिकता की होड़, मची देखो चहुँ ओर,
केवल पैकेट खाने, शिशु न खिलाइये।
माना सब चाहते हैं, खूब खास दिखें हम,
सुंदर दिखावे हेतु, दुग्ध ना बचाइये।
मूक चौपायों का हम, दुग्ध छीन पी जाते हैं,
हक माँ स्तनपान, जरूर कराइये।
दुग्ध हर बच्चे हेतु, माता में ही बनता है,
गाय भैंस बकरी ना, बच्चे बिलखाइये।
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अशोक शर्मा, कुशीनगर, उ.प्र.