विश्व राज की कामना
जग वंदन हो भारत माँ का,मेरी यह अभिलाषा।
एक शब्द में विश्व गुरु की, भारत हो परिभाषा।।
जनगण-मन ये वन्देमातरम, विश्वगान बन जाये।
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, तीन-लोक लहराये।
भारत माता, जग की माता, हिंदी सबकी भाषा।
विश्व गुरु की एक शब्द में, भारत हो परिभाषा।।
सत्य मेव जयते का नारा, जग में गुंजन सारा।
सबका गौरव एक चिन्ह हो सिंह-स्तम्भ हमारा।
मानवता के श्रेष्ठ धर्म से, जग को जाय तराशा।
विश्व गुरु की एक शब्द में, भारत हो परिभाषा।।
सात द्वीप ये महासागर सब, भारतमय हो जाएं।
जन-जन हर मन हिन्द-राज में, रघुपति राघव गाएं।
अनुसंधान व अन्वेषण में, भारत जाय तलाशा।।
विश्व गुरु की एक शब्द में, भारत हो परिभाषा।।
संतोष बरमैया जय