विश्व पर्यावरण दिवस
स्वच्छ रहे पर्यावरण, पाए स्वास्थ्य समाज !
यही सोचकर एक सब, वृक्ष लगाओ आज !!
धँसती है धरती कहीं, .कहीं बाढ की पीर !
समझेगा कब आदमी, कुदरत की तासीर ! !
सोचो समझेा बात को, काम करो ये नेक !
नया लगाओ पेड़ तुम, मानसून मे एक !!
काेलतार सीमेंट के,. बिछे अगर हैं जाल !
हरियाली कैसे रखे,खुद को वहां सँभाल !!
जंगल के जंगल दिए,… हमने अगर दबोच !
बारिश होगी किस तरह ,एक बार तो सोच !!
दिया प्रदूषण पर नही,अगर किसी ने ध्यान !
आने वाली सब हवा , ….खतरे में लो जान ! !
जमकर करें विरोध सब,रहें नही चुपचाप !
करें प्रदूषण आज वो, बन जाएँ कल शाप !!
दूषित है जलवायु अब,….सूखे कई प्रदेश !
चलो लगायें बाग हम,मिलकर सभी रमेश !!
हरियाली गायब हुई,……..सूख गये उद्यान !
और करो खिलवाड तुम,कुदरत से इन्सान!!
रमेश शर्मा.