विश्व धरोहर हैं ये बालक,
विश्व धरोहर हैं ये बालक,
इनका ताज बुलंद करो।
शिक्षित करना हर बच्चे को,
धर्म यही स्वच्छंद करो।।
राष्ट्र नींव हैं ये कहलाते,
श्रम इनसे करवाते क्यों।
करते जो पथभ्रष्ट इन्हें हैं,
सबक नहीं सिखलाते क्यों।
लोलुपता जिनमें हो ऐसी,
पकड़ो उनको बन्द करो।
शिक्षित करना हर बच्चे को,
धर्म यही स्वच्छंद करो।।
गांधी यही क़लाम यही हैं,
यही कृष्ण बलराम यही ।
अंतः चक्षु से जानो इनको,
दिनकर जैसा नाम यही ।
फैले यश सम्पूर्ण जगत में,
इन्हें विवेकानंद करो।
शिक्षित करना हर बच्चे को,
धर्म यही स्वच्छंद करो।।
हमें ढूँढनी यहाँ कल्पना,
इनमें अविचलित टेरेसा।
शिक्षक ही देता है आखिर,
साहस इंद्रा के जैसा।
लय सुर ताल बनाओ इनकी,
एक व्यवस्थित छंद करो।
शिक्षित करना हर बच्चे को,
धर्म यही स्वच्छंद करो।।
श्रम का कार्य नहीं करवाना,
शिक्षा अलख जलाना है,
शपथ उठातें हैं भारत को,
जग सिरमौर बनाना है,
शिक्षा की ममता से इनके,
जीवन को निर्द्वंद करो।
शिक्षित करना हर बच्चे को,
धर्म यही स्वच्छंद करो।।
पंकज शर्मा “परिंदा”🕊️