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21 Mar 2022 · 1 min read

विश्व कविता दिवस

#विश्व_कविता_दिवस

✍️✍️✍️
समय का नहीं रहता भान,

सुबह हो या गहरी शाम,दिन हो या अंधेरी रात का साथ,

दुख हो या खुशी की बात,

नफरत हो या प्यार की सौगात,

चाहे फूलों की तरह खिला हो खुशियों का गात,

हो रही हो नयन नीर दुख की बरसात,

प्रकृति में कैसी भी हो झंझावात,

या हो सुरम्य वादियों में जीवन की जात,

हो चाहे तेरी मेरी बातों का जज्बात,

चाहे बच्चे का बचपन या नारी का हो श्रृंगार,

वृद्ध उमर हो या जवानी की गर्माहट,

लेकर शब्द और लय पंक्तियों की कतार,

कवि के अंतर्मन उमड़ जाते भाव के बादल हाथों हाथ,

चल पड़ती है कलम अविरल

रच लेता कभी मन कविता साठ,

मेरा कवि नारी मन नारी जीवन पर बहुत लिखता,

मेरी पहली कविता “नारी का सम्मान” का जब जिक्र आता,

मन जीवन में बहने लगती लिखने की सरिता।

-सीमा गुप्ता अलवर

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 371 Views
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