विश्वास में संदेह
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हवाई जहाज को भी उड़ान भरने के लिए पहले जमीन पर चलना पड़ता है और उड़ान को भरने के बाद टिकने के लिए भी जमीन की जरुरत पड़ती है ,इसलिए इंसान को भी कभी अपनी जमीन -धरातल को नहीं भूलना चाहिए …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की एक इंसान कई बार सपनों से भयभीत हो जाता है पर किसी का हक़ मारते समय -रिश्वत लेते समय -षड़यंत्र रचते समय और गलत से गलत काम करते हुए कभी भी ईश्वर से भयभीत नहीं होता …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इंसान अपने -अपनों -नाते -रिश्तेदारी -समाज और दुनिया की निगाहों में उठ जाये और अगर खुद से एवं ईश्वर से नजरें ना मिला पाए साऱी ऊंचाई व्यर्थ है …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की मन का हो अपनी इच्छा और मन का ना हो तो ईश्वर इच्छा ,देने वाला भी वही छीनने वाला भी वही बस किसी भी हालत में उसके प्रति विश्वास में संदेह नहीं आना चाहिए ….!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान