*विश्वामित्र नमन तुम्हें : कुछ दोहे*
विश्वामित्र नमन तुम्हें : कुछ दोहे
—————————————-
1
नश्वर धन संग्रह सदा, करता बंटाधार
राम-नाम धन जोड़िए, होगा बेड़ा पार
2
मर्यादा में जो रहे, पुरुषोत्तम अभिराम
दशरथनंदन राम को, सौ-सौ बार प्रणाम
3
रहते महलों में अगर, करते कब संग्राम
विश्वामित्र नमन तुम्हें, साथ ले गए राम
4
भूख-प्यास पर किस तरह, पाते हैं अधिकार
विश्वामित्र सिखा गये, प्रभु को भली प्रकार
5
पूछा दशरथ से कहॉं, गुरु को था अधिकार
राम स्वयंवर में गए, आज्ञा गुरु अनुसार
_________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451