#विश्वामित्र उपाख्य तुम्हारा
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🔱 #विश्वामित्र उपाख्य तुम्हारा 🔱
सहेज लेना भाव मेरे ठौर अंतिम हृदय तुम्हारा
अमित्र जग में सघन बहुत विश्वामित्र उपाख्य तुम्हारा
विश्वामित्र उपाख्य तुम्हारा . . . . .
भिक्षुकों में नाम मेरा वंचितों में प्रथम अब तक
दया के सागर दया तुम्हारी निरख रहा मैं नय तुम्हारा
विश्वामित्र उपाख्य तुम्हारा . . . . .
श्वासपरिधि जल रहा है दीप इक विश्वास का
टेक चरणन की तुम्हारे बलाबल है अभय तुम्हारा
विश्वामित्र उपाख्य तुम्हारा . . . . .
अश्रुपुष्प अर्पित करूं संज्ञा दे दूं भेंट में
मेरा रहे न मैं रहूं रहे त्रिलोचन चैतन्य तुम्हारा
विश्वामित्र उपाख्य तुम्हारा . . . . .
सावन में सूखा गात मेरा भीजता आषाढ़ में
कर्मफल यों भोगता चाहता मन विलय तुम्हारा
विश्वामित्र उपाख्य तुम्हारा . . . . .
जीवनसमर में ढालकृपाण होवे नाम नाम नाम
पंचाक्षर शिव होवे शिव रक्षक वलय तुम्हारा
विश्वामित्र उपाख्य तुम्हारा . . . . .
काशी के कोतवाल सुनो उज्जयिनी के महाकाल
दूर बहुत कैलासशिखर मरघट मिले आश्रय तुम्हारा
विश्वामित्र उपाख्य तुम्हारा . . . . . !
#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२