विश्लेषण:फ्रांस की घटना का
फ्रांस में जिस शिक्षक की गला काट कर हत्या कर दी गयी उसके अंतिम क्रिया के समय मे फ्रांस के राष्ट्रपति खुद आकर खड़े हुए….
राष्ट्रपति सिर्फ यहां खड़े नहीं हुए हैं बल्कि… उनके जवाब से पूरी दुनिया के इस्लामिक देशों में हलचल है…
जिस कार्टून की वजह से हत्या हुई.. उस कार्टून को हर शहर, गली, मुहल्ले की दीवाल पर लगवाया गया है..
शहरों की बिल्डिंगों पर प्रोजेक्टर के माध्यम से विशालकाय कार्टून प्रदर्शित किए जा रहे हैं…
जवाब सिर्फ ये नहीं है.. बल्कि पूरे फ्रांस में सड़कों पर भारी भीड़ हाथों में उस कार्टून को लेकर उतर रही है…
इस्लाम का विरोध जनांदोलन बन चुका है…
इतना समर्थन देखकर…नए विधेयक पास किये जा रहे हैं जो इस्लाम के खिलाफ होंगे…
मस्जिदों को भी बंद किये जा रहे हैं…और सैकड़ों मुल्ले मौलवियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है….
इस्लाम के खिलाफ किसी देश मे इस तरह की इतनी बड़ी कार्रवाई अब तक नहीं की गई है…
इसके वजह से सभी मुस्लिम देशों में फ्रांस के विरोध में ट्विटर हैशटैग चलाये जा रहे है… जिससे फ्रांस को कोई फर्क नहीं पड़ता…
काश अपने देश के नेताओं में फ्रांसीसी राष्ट्रपति जैसा जिगर होता… और वहां की जनता की तरह यहां की जनता भी एकजुट होती…
70 साल में हिंदू नहीं समझा कि एक परिवार देश को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहता है।
5 साल में मुसलमान समझ गया कि अब हिन्दू भारत को हिन्दुराष्ट्र बनाना चाहता हैं।
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देश के दो टुकड़े कर दिए गये, मगर कहीं से कोई आवाज नहीं आई??
आधा कश्मीर चला गया कोई शोर नहीं??
तिब्बत चला गया कहीं कोई विद्रोह नहीं हुआ??
आरक्षण, एमरजेंसी, ताशकंद, शिमला, सिंधु जैसे घाव दिए गये मगर किसी ने उफ्फ नहीं की ??
2G स्पेक्ट्रम, कोयला, CWG, ऑगस्टा वेस्टलैंड, बोफोर्स जैसे कलंक लगे मगर किसी ने चूँ नहीं की??
वीटो पावर चीन को दे आये कहीं ट्रेन नहीं रोकी. ?
लाल बहादुर जैसा लाल खो दिया किसी ने मोमबत्ती जलाकर सीबीआई जाँच की मांग नहीं की? ?
माधवराव, राजेश पायलट जैसे नेता मार दिये, कोई फर्क नहीं??
परंतु जैसे ही गौ मांस बंद किया, प्रलय आ गई..?
जैसे ही राष्ट्रगान अनिवार्य किया चींख पड़े..?
वंदे मातरम्, भारत माता की जय बोलने को कहा तो जीभ सिल गई. ?
नोटबंदी, GST पर तांडव करने लगे..?
आधार को निराधार करने की होड़ मच गई..?
अपने ही देश में शरणार्थी बने कश्मीर के पंडितों पर किसी को दर्द नहीं हुआ..☹️
रोहिंग्या मुसलमानों के लिये दर्द फूट रहा हैं। ?
किसी ने सच ही कहा था:
देश को डस लिया ज़हरीले नागों ने, घर को लगा दी आग घर के चिरागों ने।
विचार करना…… पिछली सरकार ने हिन्दूओं को नामर्द बना दिया है?
आतंकवाद के कारण कश्मीर में बंद हुए व तोड़े गए कुल 50 हजार मंदिर खोले व बनवाये जाएंगे।
– केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी
बहुत अच्छी खबर है, पर 50 हजार? ये आंकड़ा सुनकर ही मन सुन्न हो गया।
एक चर्च की खिड़की पर पत्थर पड़े या मस्जिद पर गुलाल पड़ जाए तो मीडिया सारा दिन हफ्तों तक बताएगी पर एक दो या एक हजार नहीं, बल्कि पूरे 50 हजार मंदिर बंद हो गए, इसकी भनक तक किसी हिन्दू को न लगी ? ?
पहले हिन्दुओं को घाटी से जबरन भगा देना, फिर हिंदुत्व के हर निशान को मिटा देना, सोचिए कितनी बड़ा षड्यंत्र था..
पूरी घाटी से पूरे धर्म को जड़ से खत्म कर देने का ? ??
अगर मोदी सरकार न आती तो शायद ही ये बातें किसी को पता चलती !?
वामपंथी पत्रकारों, मुस्लिम बुद्धिजीवियों और कांग्रेस और उसके चाटुकारों ने कभी इस मुद्दे को देश के समक्ष क्यों नही रखा??
यह है कांग्रेस की उपलब्धि और वामपंथी पत्रकारों और मुस्लिम बुद्धिजीवियों की चतुराई कि आम हिन्दू अपने इतिहास से अनभिज्ञ रहा। ?
ऐसा लगता है कि पूरी कायनात जैसे साज़िशें कर रही थी और इतनी शांति से कि हमें पता न चले। ?
जय भवानी
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