“विशेष जीवनदान” (50 शब्दों की कहानी)
डॉक्टर ने कहा शर्माजी उस भली-जोकर को धन्यवाद दिजिएगा, जो समय रहते बेटे को अस्पताल लाई, उसकी देखभाल करने रात भर रुकी रही ।
सर्कस की सिर पर टोप, नाक पर लाल-रंग, जोकर की वेशभूषा पहने थोड़ी उदास थी, मगर लोगों को सदैव हंसानेवाली ने आज “विशेष जीवनदान” दिया ।