विवेक सक्सेना के दोहे
उनसे क्या निभ पायेंगे,प्रेम, प्रीत,संबंध।
जिनको भाती ही नहीं, ये माटी की गंध।।
सत चरित्र संगति सदा, शुभ होता परिणाम।
ज्यों कोयल की कूक से, मीठे हो गये आम।।
डा विवेक सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
उनसे क्या निभ पायेंगे,प्रेम, प्रीत,संबंध।
जिनको भाती ही नहीं, ये माटी की गंध।।
सत चरित्र संगति सदा, शुभ होता परिणाम।
ज्यों कोयल की कूक से, मीठे हो गये आम।।
डा विवेक सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश