प्रेम
विवेक पूर्ण सद् सात्विक आचरण है प्रेम।
जग जीतने का सुन्दर आवरण है प्रेम।
सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय सदा यह,
जीवन जीने का सही व्याकरण है प्रेम।
. . . -लक्ष्मी सिंह
विवेक पूर्ण सद् सात्विक आचरण है प्रेम।
जग जीतने का सुन्दर आवरण है प्रेम।
सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय सदा यह,
जीवन जीने का सही व्याकरण है प्रेम।
. . . -लक्ष्मी सिंह