विवेकानंद राष्ट्र के गौरव हैं
विवेकानंद राष्ट्र के गौरव हैं, युवा जोश के सूरज हैं स्वामी विवेकानंद युवा संघर्ष, की एक कहानी है शक्तिशाली प्रेरक विचार की, अनुपम एक निशानी है स्वाभिमान आत्मविश्वास जगा,
युवाओं की शक्ति पहचानी
नहीं दीन और हीन हैं हम,
ऊर्जा से भरी जवानी
अज्ञान दरिद्रता भय जड़ता, अपने मन से दूर करो महामोह और कामवासना, अपनी दुर्बलता दूर करो भारतीय ज्ञान और वेदांत, गोरा नहीं दिखावा है
चाल चरित्र जीवन जीने का, एक महान उजियारा है वेदांत और संयमित चरित्र, सफलता की गारंटी है
दूर करो अज्ञान अंधेरा, युवा उत्सर्ग जिसमें बंदी है राष्ट्र भक्ति और राष्ट्र चेतना, कर्म योग में जुट जाओ उत्सर्ग पूर्ण जीवन जीने को, जागो और जगाओ मानवता को सदा समर्पित,
सर्वस्व निछावर भाव जगाओ
उत्तिष्ठत जाग्रत अपने जीवन का, सफल महामंत्र बनाओ
छोड़ दो छल और आडंबर,
सादगी सुख संतोष जगाओ
दीन हीनता काटो अपनी, मानवता के सुमन खिलाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी