विवश मनुष्य
जब मनुष्य होता विवश
रहता किसी के परवश
चाह करके भी वो नर
ना उठा सकता पदवी ।
किसी के साथ हमें
कभी न होए विपुल
निपट हितना ही हमें
अक्सर हमें देती ठेसे़ं ।
कई बार अधिनस्थ ही
किसी के वश्य रहकर
कर देते त्रुटिपूर्ण कार्य
हमें इनसे से सदा बचे ।
अवर मनुष्य की ताबेदारी का
कोई भी नर उठा लेता मुनाफा
मातहत रहकर हम मनुजों को
कभी ना जीना चाहिए भव में ।
अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार