विलुप्त होती हंसी
कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कि
मैं बनाई गई हूं सिर्फ कलयुग देखने के लिए,
कभी-कभी सबका चेहरा सूजा हुआ नजर आता है
कभी प्यार से बोलते हैं आजमाने के लिए,
आजकल किसी को कोई फर्क ही नहीं पड़ता
सभी कर्म करते हैं एक दूजे को नीचा दिखाने के लिए,
मेरी शरारतें तो बकवास बन कर रह गई
मुझे धरती पर भेजा लोगों को हंसाने के लिए,
वर्तमान समय चुगलीओं में व्यतीत कर दो
कल समय नहीं होगा परिवार के साथ बिताने के लिए,
मैं व्यस्त हूं मैं व्यस्त हूं यही नारा सभी लगाते हैं
कल समय रह जाएगा सिर्फ दिखाने के लिए,
आज किसी को आवश्यकता नहीं एक दूजे की
कल कोई नहीं रहेगा भरोसा जताने के लिए,
जब भी मेरी जरूरत पड़े बुला लेना कलयूगी मानस
मैं फिर भी आ जाऊंगी तुम्हें हंसाने के लिएl
क्योंकि……………………………………….
हम तो भाई जैसे हैं वैसे रहेंगे l