विलीन
विलीन …
क्या
मिटते ही काया के
सब कुछ मिट जाता है
शायद नहीं
जीवित रहते हैं
सृष्टि में
चेतना के कण
काया के
मिट जाने के बाद भी
मेरी चेतना
तुम्हारी चेतना से
अवशय मिलेगी
इस सृष्टि में
विलीन हो कर भी
काया के मिट जाने के बाद
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित