Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2024 · 1 min read

विरोधाभाष

आपके हमारे सबके आसपास,
समझ के परे हैं जीवन के विरोधाभाष.

जहाँ अभिव्यक्ति आवश्यक है वहाँ चुपी साध जाना,
मौन की जगह बडबडाना.

ख्याली दुनिया में नायकी का भूत सवार,
आँखों के सामने होते रहते हैं अत्याचार.

बोध क्षमता का यों गूंगा बहरा होना,
दूसरे के दर्द में एक आंसू भी ना रोना.

जंगल में भगदड़ है, कहते हैं कोई मानव आया है,
लोक विजय की चाह, विश्वास जानवरों का भी नहीं जीत पाया है.

अपने आप से ही छल,
लिए फिरते हैं दूसरों की समस्याओं का हल.

अपनी समस्याओं से पलायन,
दूसरों पर अकर्मण्यता का दोषारोपण.

जहाँ जागरूकता चाहिए वहां कुम्भकरण की नींद में सोते हैं,
हर चौराहे से आँख मूँद निकल जाते हैं जहां दिन दहाड़े द्रौपदी के चीर हरण होते हैं.

समझ से परे है यह विरोधाभासों से भरा जीवन,
आखिर क्यों किया जाता है दोगली जिंदगी का पोषण.

अपना कद ऊँचा करने के लिए दूसरों के पर कतरना,
स्वार्थ सिद्धि के लिए पाताल की गहराइयों में उतरना.

120 Views
Books from Khajan Singh Nain
View all

You may also like these posts

They say,
They say, "Being in a relationship distracts you from your c
पूर्वार्थ
भक्षक
भक्षक
Vindhya Prakash Mishra
- तस्वीर और तकलीफ में साथ अपनो में फर्क -
- तस्वीर और तकलीफ में साथ अपनो में फर्क -
bharat gehlot
आज यूँ ही कुछ सादगी लिख रही हूँ,
आज यूँ ही कुछ सादगी लिख रही हूँ,
Swara Kumari arya
"हद"
Dr. Kishan tandon kranti
आकाश और पृथ्वी
आकाश और पृथ्वी
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
Ajay Mishra
लव यू
लव यू "जॉन"
शिवम "सहज"
*छाया कैसा  नशा है कैसा ये जादू*
*छाया कैसा नशा है कैसा ये जादू*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
🙅परम ज्ञान🙅
🙅परम ज्ञान🙅
*प्रणय*
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
Atul Mishra
पहचान
पहचान
Dr.Priya Soni Khare
ई आलम
ई आलम
आकाश महेशपुरी
ये कैसी विजयादशमी
ये कैसी विजयादशमी
Sudhir srivastava
भारत इकलौता ऐसा देश है जहां लड़के पहले इंजीनियर बन जाते है फ
भारत इकलौता ऐसा देश है जहां लड़के पहले इंजीनियर बन जाते है फ
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
नशा-ए-दौलत तेरा कब तक साथ निभाएगा,
नशा-ए-दौलत तेरा कब तक साथ निभाएगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कहां जायेंगे वे लोग
कहां जायेंगे वे लोग
Abhishek Rajhans
वक़्त की ललकार
वक़्त की ललकार
Shekhar Chandra Mitra
चांद का टुकड़ा
चांद का टुकड़ा
Santosh kumar Miri
गीत- अनोखी ख़ूबसूरत है...पानी की कहानी
गीत- अनोखी ख़ूबसूरत है...पानी की कहानी
आर.एस. 'प्रीतम'
वो एक रात 11
वो एक रात 11
सोनू हंस
" अधरों पर मधु बोल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
खाए खून उबाल तब , आए निश्चित रोष
खाए खून उबाल तब , आए निश्चित रोष
RAMESH SHARMA
*बहू- बेटी- तलाक*
*बहू- बेटी- तलाक*
Radhakishan R. Mundhra
दुर्मिल सवैया
दुर्मिल सवैया
Kamini Mishra
संप्रेषण
संप्रेषण
Shashi Mahajan
रक्षा बंधन पर्व
रक्षा बंधन पर्व
Neeraj kumar Soni
सारा जीवन बीत गया
सारा जीवन बीत गया
Abhishek Kumar Dubey
बुंदेली दोहा- गरे गौ (भाग-1)
बुंदेली दोहा- गरे गौ (भाग-1)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*आई करवा चौथ है, लाई शुभ संदेश (कुंडलिया)*
*आई करवा चौथ है, लाई शुभ संदेश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...