विरासतों का एहसास
विरासतों का यह एहसास भी कराती थी
कि खानदान का खर्चा यही चलाती थी
वह हाइवे जो गुजरता है गांव से सटकर
इसी ज़मीन पे कल फस्ल लहलहाती थी
विरासतों का यह एहसास भी कराती थी
कि खानदान का खर्चा यही चलाती थी
वह हाइवे जो गुजरता है गांव से सटकर
इसी ज़मीन पे कल फस्ल लहलहाती थी