विरह-६
तेरे खयाल
तड़पा गए
दिल को चुपके से कहा
और वो मचल उठा
तेरे खयाल
बेसाख़्ता, बेमायने से
एक हल्की झलक
जिस्म में झुरझुरी
और गुज़र गए हाथ हिलाकर
तेरे ख्याल
झगड़ते से
उलझता हूँ गर
तो सहमे से
फिर मनकर भी रूठे से
तेरे खयाल
झिझकते से
एक पल की हंसी
फिर लौट गए
तेरे पास
तेरे खयाल
हौसले से
संभाला और
थपथपा कर चल दिये
तेरे खयाल
झिडकते से
सब ठीक है
चुप से बैठे रहो बस
कह गए तेरे खयाल!!!