विरह–व्यथा
जैसे अंबर का रीतापन
जैसे बगिया का फीकापन
जैसे सागर का खारापन
जैसे पनघट का सूनापन
ठीक वैसे ही होता है
विरहन का एकाकीपन
–कुंवर सर्वेंद्र विक्रम सिंह
*©️®️स्वरचित, सर्वाधिकार सुरक्षित
जैसे अंबर का रीतापन
जैसे बगिया का फीकापन
जैसे सागर का खारापन
जैसे पनघट का सूनापन
ठीक वैसे ही होता है
विरहन का एकाकीपन
–कुंवर सर्वेंद्र विक्रम सिंह
*©️®️स्वरचित, सर्वाधिकार सुरक्षित