विरह–व्यथा
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/5c8081ad8443f41da63ec1b338138189_ce14c3ec5c9147bba2ef663963d0731b_600.jpg)
जैसे अंबर का रीतापन
जैसे बगिया का फीकापन
जैसे सागर का खारापन
जैसे पनघट का सूनापन
ठीक वैसे ही होता है
विरहन का एकाकीपन
–कुंवर सर्वेंद्र विक्रम सिंह
*©️®️स्वरचित, सर्वाधिकार सुरक्षित
जैसे अंबर का रीतापन
जैसे बगिया का फीकापन
जैसे सागर का खारापन
जैसे पनघट का सूनापन
ठीक वैसे ही होता है
विरहन का एकाकीपन
–कुंवर सर्वेंद्र विक्रम सिंह
*©️®️स्वरचित, सर्वाधिकार सुरक्षित