विरहा गाए गाने दो
अम्बर तल बादल घिर आए
घिर आने दो
कोई पपीहा विरहा गाए
गाने दो
वन उपवन में पतझड़ छाए
छाने दो
कोई किसी को कब भा जाए
भा जाने दो
भाग्य से जो भी खुशियां पाए
पाने दो
कर्म पथिक जो भी ले आए
लाने दो
जो फिर सुख दुःख आ जाए
आने दो
अशोक सोनी
भिलाई ।