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23 Oct 2021 · 1 min read

विरला की गति।

हम सब बन गये है, ज्ञानी ।सभा बीच कर रहे हैं कविता वखानी।बिन कानों से सुनते हैं ये प्रानी।यह रहस्य को केवल विरला ही जानी। जिंदगी को तो यों जीतें हैं सभी तनुधारी।समझ कर जो जी ले -विरला की गति न्यारी।

Language: Hindi
1 Like · 182 Views
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