वियोग आपसी प्रेम बढ़ाता है…
वियोग आपसी प्रेम बढ़ाता है…
बीते लम्हों को याद करते-करते
हमसफ़र को निश्चय ही प्यार आता है!
पर फ़ासला जब बहुत बढ़ जाता है
तो विरह वेदना खूब रुलाता है…
व रिश्तों की डोर मजबूत बनाता है।
…. अजित कर्ण ✍️
वियोग आपसी प्रेम बढ़ाता है…
बीते लम्हों को याद करते-करते
हमसफ़र को निश्चय ही प्यार आता है!
पर फ़ासला जब बहुत बढ़ जाता है
तो विरह वेदना खूब रुलाता है…
व रिश्तों की डोर मजबूत बनाता है।
…. अजित कर्ण ✍️