वियाह कटवा
विवाह के चाह को हलाल करने का प्रण लिए हुए गाँव की सबसे एक्टिव प्रजाति का अशुभ नाम है ‘वियाह कटवा ‘
वियाह कटवा से शादी की असीम तमन्ना रखने वाले भविष्य के वर्तमान अदृश्य बन्ना और बन्ना का परिवार खौफजदा रहता है। ऐसा हो भी क्यों न…. भई ब्रह्मा जी के जोड़ी के परिप्रेक्ष्य में लिखे विधान को भी अपने शाब्दिक इरेजर से इरेज करने का भरसक प्रयास सदैव करते रहतें हैं ये श्रीमान वियाह कटवा।
मुश्किल से आने वाले ‘बर देखूआ ‘ लोग अगर कहीं अपना कदम किसी के घर पर रख दिए तो टोले -मोहल्ले को वायरल ब्रेकिंग न्यूज़ मिल जाती हैं
और ये ब्रेकिंग न्यूज… ब्रेकिंग गुरु ‘वियाह कटवा ‘ महोदय तक पहुँच ही जाती है। फिर क्या ये खबर ‘वियाह कटवा ‘ के जेहन में गदर मचा देती है और वो व्यथित हो उठता है, व्यथित होकर दिमाग़ के घोड़े पर कुहड़ शब्दों के साथ सवार हो पहुँच जाता है भविष्य की वर्तमान बन्नी के घर।
फिर क्या…..बन्नी के खानदान को विवाह की आस लगाए बन्ने की कूटरचित गाथा सुनाकर माथा भारी कर देता है। दुनिया के सारे ऐब बन्ने में बताकर, झूठी कसमें खाकर, अंततोगत्वा अपनी चाल में सफल हो जाता है और बन्ने के रिश्तेदारों के ख़याली पुलाव को सवाली पुलाव बनाकर छोड़ देता है।
अर्ज किया है-
“बन्नी के खानदान के बतवलस बन्ना के मनगढंत नून, तेल, अटवा
हाय रे वियाह कटवा, हाय रे वियाह कटवा, हाय रे वियाह कटवा
-सिद्धार्थ गोरखपुरी