विमौहा छंद
छंद- विमोहा
मापनी- 212 212 (गालगा गालगा)
आप जो मिल गये
फूल हैं खिल गये
मन सुवासित हुआ
दीप से जल गये
धर्मेन्द्र अरोड़ा
छंद- विमोहा
मापनी- 212 212 (गालगा गालगा)
आप जो मिल गये
फूल हैं खिल गये
मन सुवासित हुआ
दीप से जल गये
धर्मेन्द्र अरोड़ा