Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2020 · 1 min read

” विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न अनुभव “

हेलो किट्टू !

कहते हैं !
जो विचारों में ना हो उसे व्यवहार में लाना मुश्किल होता हैं ,
शायद इसीलिए ही विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों को उसी क्षेत्र का व्यक्ति ही समझ सकता हैं ।
ये जिंदगी ही तो है ! जहां सबको मंजिल हासिल करना है लेकिन बस हमारे सवाल अलग – अलग है ।
तभी तो सभी के एहसास एक से होते हैं ,
लेकिन बस बयां करने का तरीका और अनुभव बताने का सलीका अलग होता है ।
जिंदगी में ना हमसे आगे निकलता ना ही हमसे कोई पीछे होता है , वो तो अपने समझ और अपने तैयारी से अपना सफर तय करता , बस हम रूक जाते हैं ।

लेकिन पता नहीं क्यों एक इंसान , इंसान को नहीं समझ पाता ।

( यहां क्षेत्र का अर्थ है – ” विभाग ” जैसे कला का विभाग , खेल विभाग , शिक्षा विभाग आदि ।)

– ज्योति

Language: Hindi
Tag: लेख
4 Likes · 336 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ज्योति
View all
You may also like:
नई तरह का कारोबार है ये
नई तरह का कारोबार है ये
shabina. Naaz
* फागुन की मस्ती *
* फागुन की मस्ती *
surenderpal vaidya
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
Anil Mishra Prahari
परिवार
परिवार
नवीन जोशी 'नवल'
"मुखौटे"
इंदु वर्मा
*करिश्मा एक कुदरत का है, जो बरसात होती है (मुक्तक)*
*करिश्मा एक कुदरत का है, जो बरसात होती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मानवता
मानवता
विजय कुमार अग्रवाल
रिश्ते फीके हो गए
रिश्ते फीके हो गए
पूर्वार्थ
जीवन का मुस्कान
जीवन का मुस्कान
Awadhesh Kumar Singh
प्यासा के राम
प्यासा के राम
Vijay kumar Pandey
यूं ना कर बर्बाद पानी को
यूं ना कर बर्बाद पानी को
Ranjeet kumar patre
सामाजिक न्याय के प्रश्न
सामाजिक न्याय के प्रश्न
Shekhar Chandra Mitra
कुंडलिया छंद *
कुंडलिया छंद *
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हर शख्स माहिर है.
हर शख्स माहिर है.
Radhakishan R. Mundhra
गर्मी की छुट्टियां
गर्मी की छुट्टियां
Manu Vashistha
बात का जबाब बात है
बात का जबाब बात है
शेखर सिंह
Yashmehra
Yashmehra
Yash mehra
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
Ajay Shekhavat
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
सिद्धार्थ गोरखपुरी
24/249. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/249. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चाहे जितनी हो हिमालय की ऊँचाई
चाहे जितनी हो हिमालय की ऊँचाई
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
उम्मीद रखते हैं
उम्मीद रखते हैं
Dhriti Mishra
" नाराज़गी " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मीठी वाणी
मीठी वाणी
Kavita Chouhan
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
निलय निकास का नियम अडिग है
निलय निकास का नियम अडिग है
Atul "Krishn"
डॉअरुण कुमार शास्त्री
डॉअरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
(मुक्तक) जऱ-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
(मुक्तक) जऱ-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
"प्रेम कर तू"
Dr. Kishan tandon kranti
मां सीता की अग्नि परीक्षा ( महिला दिवस)
मां सीता की अग्नि परीक्षा ( महिला दिवस)
Rj Anand Prajapati
Loading...