” विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न अनुभव “
हेलो किट्टू !
कहते हैं !
जो विचारों में ना हो उसे व्यवहार में लाना मुश्किल होता हैं ,
शायद इसीलिए ही विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों को उसी क्षेत्र का व्यक्ति ही समझ सकता हैं ।
ये जिंदगी ही तो है ! जहां सबको मंजिल हासिल करना है लेकिन बस हमारे सवाल अलग – अलग है ।
तभी तो सभी के एहसास एक से होते हैं ,
लेकिन बस बयां करने का तरीका और अनुभव बताने का सलीका अलग होता है ।
जिंदगी में ना हमसे आगे निकलता ना ही हमसे कोई पीछे होता है , वो तो अपने समझ और अपने तैयारी से अपना सफर तय करता , बस हम रूक जाते हैं ।
लेकिन पता नहीं क्यों एक इंसान , इंसान को नहीं समझ पाता ।
( यहां क्षेत्र का अर्थ है – ” विभाग ” जैसे कला का विभाग , खेल विभाग , शिक्षा विभाग आदि ।)
– ज्योति