Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jul 2023 · 1 min read

*विभाजन-विभीषिका : दस दोहे*

विभाजन-विभीषिका : दस दोहे
—————————————-
(1)
बॅंटवारा इस देश का, हिंदू को अभिशाप
रहना पाकिस्तान में, फिर था समझो पाप
(2)
पुरखों का घर लुट गया, पैसा लुटा तमाम
देश-विभाजन में दिखा, व्यापक कत्लेआम
(3)
हिंदू था सहमा हुआ, यद्यपि अपना देश
पाकिस्तान नया बना, आतंकी परिवेश
(4)
भागे पाकिस्तान से, लेकर अपनी जान
धन-दौलत-धरती गई, गया मान-सम्मान
(5)
देश बॅंटा दो भाग में, मजहब इसका सार
हिंदू का ना-पाक में, ऐसे बंटाधार
(6)
शरणार्थी वह बन गए, जिनके निजी मकान
शोक-दिवस दुर्भाग्य था, बनना पाकिस्तान
(7)
जो भागा वह बच गया, उसकी थी तकदीर
जो पकड़ा मारा गया, बॅंटवारे की पीर
(8)
ट्रेन खचाखच थी भरी, बदहवास थे लोग
बॅटवारे का इस तरह, लिखा भाग्य में भोग
(9)
शहर पराया हो गया, छिना सनातन देश
क्रूर विभाजन ने किया, खूनी सब परिवेश
(10)
खेत गया-घर खो गया, लूटी गई दुकान
बॅंटवारे का अर्थ यह, हिंदू का नुकसान
_________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
488 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
रक्तदान पर कुंडलिया
रक्तदान पर कुंडलिया
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दुनिया  के सब रहस्यों के पार है पिता
दुनिया के सब रहस्यों के पार है पिता
पूर्वार्थ
पायल
पायल
Dinesh Kumar Gangwar
*** भूख इक टूकड़े की ,कुत्ते की इच्छा***
*** भूख इक टूकड़े की ,कुत्ते की इच्छा***
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
*अन्नप्राशन संस्कार और मुंडन संस्कार*
*अन्नप्राशन संस्कार और मुंडन संस्कार*
Ravi Prakash
सूना- सूना घर लगे,
सूना- सूना घर लगे,
sushil sarna
आवारा परिंदा
आवारा परिंदा
साहित्य गौरव
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
प्रकृति का गुलदस्ता
प्रकृति का गुलदस्ता
Madhu Shah
आलस मेरी मोहब्बत है
आलस मेरी मोहब्बत है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
माँ की पीड़ा
माँ की पीड़ा
Sagar Yadav Zakhmi
हौसले हमारे ....!!!
हौसले हमारे ....!!!
Kanchan Khanna
കവിതയുടെ ജനനം
കവിതയുടെ ജനനം
Heera S
"" *प्रेमलता* "" ( *मेरी माँ* )
सुनीलानंद महंत
एक सशक्त लघुकथाकार : लोककवि रामचरन गुप्त
एक सशक्त लघुकथाकार : लोककवि रामचरन गुप्त
कवि रमेशराज
ज़िन्दगी तेरी बनना जायें कहीं,
ज़िन्दगी तेरी बनना जायें कहीं,
Dr fauzia Naseem shad
गुम है
गुम है
Punam Pande
संवेदना की आस
संवेदना की आस
Ritu Asooja
धोखेबाजी का दौर है साहब
धोखेबाजी का दौर है साहब
Ranjeet kumar patre
लोकतन्त्र के मंदिर की तामीर बदल दी हमने।
लोकतन्त्र के मंदिर की तामीर बदल दी हमने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Love yourself
Love yourself
आकांक्षा राय
तू
तू
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
" क्यों "
Dr. Kishan tandon kranti
3116.*पूर्णिका*
3116.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Your Secret Admirer
Your Secret Admirer
Vedha Singh
*चले आओ खुली बाँहें बुलाती हैँ*
*चले आओ खुली बाँहें बुलाती हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
Gouri tiwari
गुमाँ हैं हमको हम बंदर से इंसाँ बन चुके हैं पर
गुमाँ हैं हमको हम बंदर से इंसाँ बन चुके हैं पर
Johnny Ahmed 'क़ैस'
अहम जब बढ़ने लगता🙏🙏
अहम जब बढ़ने लगता🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
#चुनावी मौसम में-
#चुनावी मौसम में-
*प्रणय*
Loading...