विनोद सिल्ला के दोहे
विनोद सिल्ला के दोहे
शीतल छाया दे रहे, परउपकारी पेड़।
हरे पेड़ को काट कर, कुदरत को ना छेड़।।
पेड़ दे रहे औषधी, ले कर रहो निरोग।
पेड़ लगाने चाहिए, काट रहे हैं लोग।।
पालन पोषण कर रहे, देकर ये फल फूल।
पेड़ लगा उपकार कर, पींग डाल कर झूल।।
पेड़ सलामत जब तलक, सो लो लंबी तान।
पेड़ों बिन अपनी धरा, हो जाए सुनसान।।
उपयोगी पत्ता तना, उपयोगी फल-फूल।
सकल पेड़ हैं काम के, लाभदायक समूल।।
जीवन दाता पेड़ हैं, ऑक्सीजन की खान।
पेड़ों को तुम काटते, खतरों से अनजान।।
सिल्ला अपनी पेड़ से, मन का नाता जोड़।
पेड़ हमारे मीत हैं, पेड़ सदा बेजोड़।।
-विनोद सिल्ला