विनम्र श्रद्धांजलि
आज का यह दिन मेरे जीवन में काला दिन बन कर आया , मेरे बचपन का लंगोटिया यार #मुनझुन_चौबे (सुधिर चौबे), जिसके संग एक से लेकर आठ तक की पढाई गाँव के ही विद्यालय श्री जनार्दन मध्य विद्यालय मुसहरवा में एक साथ की वो हमेशा अपनी कक्षा में पहला स्थान पाता और मैं दूसरा, पढाई में हम दोनों हमेशा प्रतिस्पर्धी रहे किन्तु आम जीवन में बहुत अच्छे दोस्त रहे । साथ खेलना खाना पढना लिखना….और अचानक हम बड़े हो गए सब अपने अपने जीवनयापन में ब्यस्त हो गये और आज……..वो हमारा लंगोटिया यार मेरा जिगरी दोस्त इस दुनिया को अलबिदा कह गया……
#विनम्र_श्रद्धांजलि
इस जग से तुम चले गये
यार अकेला छोड़ कर,
बचपन की सब बात भुल
हर जज्बात को तोड़ कर।
साथ खेल हम बड़े हुए थे
नेह के रिश्ते जुड़े हुए थे,
माना थे तुम तेज बहुत
फिर भी उम्र तो पड़े हुए थे।
ऐसी भी क्या जल्दी थी
जो काल से रिश्ता जोड़ गये,
बपचन के वो यार मेरे
क्यों हमें सिसकता छोड़ गये।
याद बहुत आते हैं आज
तेरे संग बीते वो पल
अमिट छाप हृदय पे #मुनझुन
याद रहोगे पल प्रति पल।
…….
मेरे प्रिय मित्र ईश्वर आपकी दिवंगत आत्मा को असीम शान्ति एवं आपके परिवार को इस हृदयविदारक दुखद घड़ी से उबरने की शक्ति प्रदान करें।
।।ऊँ शान्ति ऊँ।।