विधाता छंद_2_संहार बाकि है
विधाता छंद
मापनी १२२२१२२२, १२२२१२२२
सामंत – आर , पदांत बाकी है
भटकते नामुरादों का अभी सत्कार बाकी है,
जलाते राष्ट्र ध्वज जो है , अभी संहार बाकी है।
सुनो मेरी अभी अब तो दिखाना हम सभी को है,
दिखते रौब है जो अब उन्हें फटकार बाकी है। ०१
हमारा खा हमीं को ही , यही आँखे दिखाते है,
दिए जिनको शरण हैं हम , उन्हें दुत्कार बाकी है।०२
प्रताप