विद्यार्थियों को क्रोध से———-
विद्यार्थियों को कभी भी क्रोध नही करना चाहिए।क्रोध एक सुलगता हुआ अंगारा जो फेंकते किसी दूसरे के ऊपर पर! जलते स्वयं ही है।जब कभी ऐसी परिस्थिति निर्मित हो जाये, तो आपको मौन धारण कर लेना चाहिए। क्योंकि क्रोध जीवन को नष्ट करता है। कोई भी व्यक्ति जब वह क्रोध में होता है, तो समझ लेना चाहिए,कि इसकी बुद्धि नष्ट हो गई है।या तो आप चुप हो जाये या मीठे वचन बोले।क्रोध को शांत करने का यह उत्तम उपाय है।आप अपनी बुद्धि का सद-उपयोग कर समस्त संसार को जीत सकते हो।क्रोध के अवसर पर चुप रहना , और कड़वी बात का मीठा उत्तर देना चाहिए।अगर आपने अपने जीवन इन बातों को फालो कर लिया तो आपको सफल होने से कोई रोक नहीं सकता है।