विद्यावाचस्पति Ph.D हिन्दी
सवाल तो उठाये जायेंगे
“शिक्षा-पद्धति” “Education system पर, #धर्म पर,
जो महज अतिरेक सिखाया करते है,
एक कुपढ़ पाखंडी,
आपको भविष्य बताते है
आपको अपना भविष्य नजर नहीं आता,
पच्चीस से तीस हजार कमाना नहीं आता,
आपकी काबिलियत का संयोग बिठाया करते हैं ।
#CET #PhD
अनीति से कमाई के मार्ग
राजनीति और धर्म पैदा करते हैं ।
कैसे ?
इस पर नजरें डालना, आपका काम है,
मंत्र और बाहमणवाद की पोल,
सोमनाथ मंदिर लूटे जा रहा था,
खूल चुकी है,
हर वर्ष “सूर्य आराधना” *उत्सव
प्रकृति पूजा,,
अनगिनत मौतें लेकर आता है ।
धार्मिक-स्थलों पर भगदड़,
मक्का मदीना मस्जिद,
एक पत्थर,,
शैतान बन जाता है ।
बुद्धि विवेक समझ,, निर्णायक तुम हो,
तुम्हारी अपनी ही दुनिया,
फैसले तुम्हारे,,
प्रकृति की तो अवहेलना हो रही है ।
महंगी भी पड़ रही है,
बेहोशी ने तुम्हें अंधा बना रखा है ।
सूरज तो तुम हो,
मगर विचार रूप आच्छादित बादल,
तुम्हें ढके हुए है ।