#विदा की वेला
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~ #विदा की वेला ~
सभी के भाग्य में ऐसी
शुभ घड़ी कहां होती है
खिलखिलाकर हंसता है जब दिल
और आंख रोती है
सभी के भाग्य में . . . . .
झर-झर झरना प्यार का
दुलार का हो या भंवर
मुस्कुराती खिलखिलाती ज़िन्दगी
तन-मन-वसन भिगोती है
सभी के भाग्य में . . . . .
दूर नदिया पार पीपल छांव
कोई गा रहा
दिल सम्भाले कोई संग गा ले
कैसी अजब चुनौती है
सभी के भाग्य में . . . . .
जिधर से मेरे प्राण लौटें
पलकें बिछीं उस राह पर
प्रेम-अगन का एक दीपक
एक उसकी ज्योति है
सभी के भाग्य में . . . . .
दिल कलेजा काटकर यूं
सौंपते न सी करें
चींटी के काटे पूछते
किस दोष की पनौती है
सभी के भाग्य में . . . . .
दूर बिगाने देस चली वो
नीड़ बसाने इक नया
मेरे जीवन की फुलवारी में जो
सुन्दर सपने बोती है
सभी के भाग्य में . . . . .
रतनधन जब पास में
करवटें बदलती है रात भर
अनजाने को दान देकर
चैन से माँ सोती है
सभी के भाग्य में . . . . . !
#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२