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18 Feb 2021 · 1 min read

विडंबना (मुक्तक)

विचारशील आज आत्म-मुग्ध हो रहे ,
सत्य-भाषी आज सत्य को ही खो रहे ,
बड़ी विडंबना में हिंद-देश है “कान्हा” ,
जगाने वाले आज कमली ओढ़ सो रहे ।।

Language: Hindi
2 Comments · 259 Views
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