विटामिन वाह, वाह में!
एक सबेरा मेरी निगाह में हैं। हां उजाला सभी की चाह में है।हम अंधेरे में जी रहे हैं। दोस्त। और सूरज तुम्हारी राह में है। हंसते रहिए तमाम उम्र भर।एक लज्जत आह में हैं।शेर रोटी नही है भाई जान।पर विटामिन वाह वाह में है।
एक सबेरा मेरी निगाह में हैं। हां उजाला सभी की चाह में है।हम अंधेरे में जी रहे हैं। दोस्त। और सूरज तुम्हारी राह में है। हंसते रहिए तमाम उम्र भर।एक लज्जत आह में हैं।शेर रोटी नही है भाई जान।पर विटामिन वाह वाह में है।