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17 Dec 2020 · 1 min read

विज्ञान पर दोहे

1
जीवन की तो रीढ़ है,ये अपना विज्ञान
वाहन, गजट, मशीनरी, अब हम सबकी जान

2
किये बहुत विज्ञान ने, सरल हमारे काम
दैनिक जीवन में दिया, हमें बहुत आराम
3
नई नई तकनीकि से, मिलवाता विज्ञान
जीवन को इसने बना, दिया बड़ा आसान

4
दे मोबाइल फोन को, किया बहुत उपकार
आज हमारा बन गया, जीने का आधार

5
पहले करते थे सफर,लगते थे दिन रात
मिली हमें विज्ञान से, वाहन की सौगात

6
हुआ पठन पाठन सभी, अब कितना आसान
कम्प्यूटर अरु नेट से, मिल जाता सब ज्ञान

7
रोगों के भी जाँच के, बना दिये हैं यंत्र
पढ़ लेते अंदर तलक, ये शरीर का तंत्र

8
किया दवा वैक्सीन का, ऐसा आविष्कार
बड़े से बड़े रोग का, अब सम्भव उपचार

9
करते भी विज्ञान का, गलत यहाँ उपयोग
इसके दुष्परिणाम भी, भुगत रहे हैं लोग

10
बना रहे विध्वंस के, ऐसे बम हथियार
जिनसे जग में हो रहा, मानवता संहार

11
किये बड़े विज्ञान ने, ऐसे अविष्कार
पहुँच गया है आदमी, बादल के भी पार

12
लगता है विज्ञान तो, चमत्कार सा आज
हो जाते चुटकी बजा, सभी हमारे काज

13
नीलगगन में घूमते, रहते ग्रह चहुँ ओर
आपस में बाँधे उन्हें, आकर्षण की डोर

14
ग्रहण क्यों सूर्य चाँद पर, पड़ता बारम्बार
इसका भी विज्ञान ही, होता है आधार

15
धरा सूर्य के मध्य में, चाँद कभी आ जाय
सूरज तब दिखता नहीं, सूर्य ग्रहण कहाय

16
सूर्य चाँद के बीचमें, जब धरती आ जाय
चाँद नज़र आता नहीं, चन्द्र ग्रहण कगाय

17-12-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

7 Likes · 7 Comments · 5655 Views
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