विजय बिजनौरी
विजय बिजनौरी
शब्दों का जाल बहुत गहरा,
शब्दों में उलझना नहीं चाहिए।
शब्दों के असर को धूमिल कर,
ख़ुद पर भरोसा रखना चाहिए।।
विजय बिजनौरी
शब्दों का जाल बहुत गहरा,
शब्दों में उलझना नहीं चाहिए।
शब्दों के असर को धूमिल कर,
ख़ुद पर भरोसा रखना चाहिए।।