विजया के कहानी हमार जुबानी
जब वियाह खातिर मार करेलीं
पड़ी जालीं हम खतरा में
कउनो त बाधा बा भईया
हमरे वियाह वाले जतरा में
पंडित जी त बतवले रहलन
हमार वियाह बा त पतरा में
ग़र न होइ वियाह त जान ल
हम कुदि जाइब खदरा में
भउजी से झगड़ा हो जाला
जब कहेलीं की शादी करवा दे
माई से भी कही देलीं
वियाह होइ ई मुनादी करवा दे
नाही त वि हम हटा देब
विजया वाले मतरा से
पंडित जी त बतवले रहलन
हमार वियाह बा त पतरा में
बरदेखुआ खातिर काजू किसमिस
बढ़ियक्का पेड़ा हम लाइल बाटी
कौनौ नहीं सरवा आवत बाटें
हम एही से बौरायल बाटी
हमार वियाह न जाने कब होइ
कौने गरह नक्षतरा में
पंडित जी त बतवले रहलन
हमार वियाह बा त पतरा में
शेरवानी मैरुन कलर
पाजामा पीयर पहिनब
टोपा लगायब स्टाइल वाला
वोहके त सीयर पहिनब
बस डोली पर कइसो चढ़ी जाई
बस बाटी एही असरा में
पंडित जी त बतवले रहलन
हमार वियाह बात त पतरा में
-सिद्धार्थ गोरखपुरी