विचार
विचार
किताबों के शहर में
हो एक घर मेरा
मेरा आशियां हो रोशन
कविताओं और कहानियों से
कुछ फूल खिले सद्विचार के
उपन्यासों से महके आंगन
लेखनी मेरी भी कुछ लिख दे
मेरे विचारों का भी कारवां हो रोशन
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
विचार
किताबों के शहर में
हो एक घर मेरा
मेरा आशियां हो रोशन
कविताओं और कहानियों से
कुछ फूल खिले सद्विचार के
उपन्यासों से महके आंगन
लेखनी मेरी भी कुछ लिख दे
मेरे विचारों का भी कारवां हो रोशन
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”