विचार
विचार
हिन्दी ही विश्व की एकमात्र भाषा है जो अलग अलग भाषाओं को अपने में समाहित कर लेती है l यही इसका सबसे बड़ा अनोखापन है जो इसे विश्व मंच पर विराजमान करता है l
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
विचार
हिन्दी ही विश्व की एकमात्र भाषा है जो अलग अलग भाषाओं को अपने में समाहित कर लेती है l यही इसका सबसे बड़ा अनोखापन है जो इसे विश्व मंच पर विराजमान करता है l
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”